पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने करनाल उपचुनाव की याचिकाएं की खारिज, सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खुला है।
सत्य ख़बर, चण्डीगढ़:
सतीश भारद्वाज : पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा के करनाल विधानसभा उप चुनाव को चुनौती देने वाली 3 और याचिकाओं को सुनवाई के बाद खारिज कर दिया है।
करनाल विधानसभा उपचुनाव के जारी नोटिफिकेशन को रद्द करने को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मामले से जुड़ी सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया। याचिका के माध्यम से यह कहा गया था कि ये उप चुनाव गैर कानूनी और गैर संवैधानिक तरीके से कराएं जा रहे हैं। जिसमें से एक याचिका (महाराष्ट्र चुनाव को लेकर) को पहले ही हाईकोर्ट की डबल बेंच खारिज कर चुकी है। हाईकोर्ट ने कहा है कि डबल बेंच की जजमेंट को SLP यानी कि सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को यह राहत जरूरी दी है कि वह कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका डाल सकते हैं। एजी हरियाणा बीआर महाजन ने कोर्ट को बताया गया कि महाराष्ट्र की जजमेंट का बार-बार हवाला दिया जा रहा है। उनकी परिस्थितियों अलग थी और हरियाणा की परिस्थितिया अलग है।
चुनाव आयोग के अनुसार ही करनाल में उप चुनाव होंगे यानी कि आयोग द्वारा जारी की गई तारिख पर ही चुनाव होंगे।
याचिकाकर्ता ने याचिका में कहा था कि जिस विधानसभा में चुनाव के लिए एक साल से कम समय बचा है, वहां पर उपचुनाव नहीं हो सकता है। इसी को लेकर चुनाव रद्द करने की मांग को लेकर याचिका दर्ज की गई।
इस याचिका में बीते दिनों आए महाराष्ट्र में हाईकोर्ट के निर्देश पर चुनाव आयोग ने एक उपचुनाव की नोटिफिकेशन को वापस ले लिया था। वहां चुनाव रद्द करने का आदेश जारी किया था।
हरियाणा के CM नायब सैनी करनाल से भाजपा के विधानसभा उम्मीदवार हैं। उन्हें 6 महीने के भीतर विधायक बनना जरूरी है। अगर ऐसा न हुआ तो उन्हें पद छोड़ना होगा।
दायर याचिका में बीते दिनों आए महाराष्ट्र में हाईकोर्ट के निर्देश पर चुनाव आयोग ने एक उपचुनाव की नोटिफिकेशन को वापस ले लिया था। वहां चुनाव रद्द करने का आदेश जारी किया था।
हरियाणा में नए CM नायब सैनी की नियुक्ति को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में पहले ही चुनौती दी जा चुकी है। हाईकोर्ट ने इस मामले में हरियाणा सरकार, केंद्र सरकार, विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता और चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। ये याचिका एडवोकेट जगमोहन सिंह भट्टी ने दायर की है।
उन्होंने आरोप लगाया है कि नायब सैनी की मुख्यमंत्री के तौर पर नियुक्ति नियमों के खिलाफ जाकर की गई है। याचिका में हर शरण वर्मा बनाम उत्तर प्रदेश व अन्य मामले का हवाला देते हुए कहा है कि राज्यपाल अनुच्छेद-164 के तहत राज्य की विधानसभा के बाहर के किसी व्यक्ति को मंत्री पद पर नियुक्त नहीं कर सकते हैं। सैनी अभी सांसद हैं और ऐसे में वह विधानसभा का हिस्सा नहीं हैं।